Shodashi Things To Know Before You Buy

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, maximizing interior serene and aim. Chanting this mantra fosters a deep perception of tranquility, enabling devotees to enter a meditative point out and connect with their inner selves. This benefit improves spiritual consciousness and mindfulness.

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

This mantra is definitely an invocation to Tripura Sundari, the deity remaining tackled In this particular mantra. It's really a ask for for her to meet all auspicious needs and bestow blessings upon the practitioner.

शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।

सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥

Shodashi’s mantra will help devotees release past grudges, pain, and negativity. By chanting this mantra, persons cultivate forgiveness and psychological launch, promoting reassurance and the opportunity to go forward with grace and acceptance.

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते

लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-

The philosophical dimensions of Tripura Sundari extend beyond her Actual physical attributes. She signifies the transformative electrical power of beauty, that may lead the devotee through the darkness of ignorance to the light of knowledge and enlightenment.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान read more में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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